इसी नज़रिए से प्रभावित हो कर ग़ालिब ने ये ख़याल बाँधा है। शे’र की व्याख्या करने से पहले ये जानना ज़रूरी है कि ख़ुदा की ज़ात सबसे पुरानी है। यानी जब दुनिया में कुछ नहीं था तब भी ख़ुदा की ज़ात मौजूद थी और ख़ुदा की ज़ात हमेशा रहने वाली है। अर्थात जब कुछ भी न होगा तब ख़ुदा की ज़ात मौजूद रहेगी। यहाँ तात्पर्य क़यामत से है जब अल्लाह के हुक्म से सारे प्राणी ख़त्म हो जाएंगे और अल्लाह सर्वशक्तिमान अकेला व तन्हा मौजूद रहेगा।
मिर्ज़ा ग़ालिब टैग : महबूब शेयर कीजिए
bhula diya tujhko tere hr ehassas ko. mita diya hr drd ko teri hr yad ko .. phir kyu aaj aesa hua.. jb tu mere samne aaya. teri yaado ko mene phir apne rubaru paya
मिर्ज़ा ग़ालिब टैग : शिकवा शेयर कीजिए
. Koi apna hota toh bin kahe he samjh leta, Ab kis ko btaun ke kya hain is dil mein..?? Bhule bethe hai wo log bhi jine apna samjhta hoon Kbhi mile to dil cheer ke dikhau ke kya hai is dil me?
Fundamentally, poetry is a thing that brings out your feelings and thoughts. It's really a type of catharsis. In the following paragraphs, you’ll study an enormous checklist of varied style of Shayari that will definitely express your fathomable emotions. Enjoy Unfortunate Shayari has a Unique area in people’s heart because it discounts with divine appreciate.
तुम ही तो हो मुझमे मैं खुद में कहाँ हूँ।
कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तिरा
पहली मोहब्बत मेरी हम जान न सके, प्यार क्या होता है हम पहचान न सके, हमने उन्हें दिल में बसा लिया इस कदर कि, जब चाहा उन्हें दिल से निकाल न सके।
इसलिए वो रोज़ नया दुःख देता है मेरी ख़ुशी के लिए।
. जो हमने पलके झुका ली shayri तो कयामत होगी, और हमने नजरें मिला ली तो मुहब्बत होगी।
साँसे खत्म हो सकती हैं पर मोहब्बत नही।
उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़